Bandakpur की महिलाएँ अब मशरूम खेती के ज़रिए आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं। 10 से अधिक महिलाएँ इस पहल से जुड़कर मशरूम को सब्ज़ी के साथ‑साथ सुखाकर मशरूम पाउडर, मशरूम अचार और अन्य उत्पाद तैयार कर रही हैं।
यह कदम न केवल उनके आर्थिक सशक्तिकरण का जरिया बना है, बल्कि स्थानीय बाज़ार में स्वास्थ्यवर्धक विकल्प भी उपलब्ध करा रहा है। मशरूम को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला माना जाता है, जिससे यह उत्पाद स्वास्थ्य और पोषण दोनों के लिए लाभकारी है।
महिला उद्यमिता, ग्रामीण विकास और मशरूम खेती का यह संगम दिखाता है कि छोटे स्तर पर शुरू की गई पहल भी बड़े बदलाव ला सकती है।

